न्यूयॉर्क/गाजा: इज़राइल ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमास उसके नागरिकों को बंधक बनाकर बेहद अमानवीय स्थिति में रखे हुए है। इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि हमास न सिर्फ बंधकों को बुनियादी खाना देने से इंकार कर रहा है, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश भी कर रहा है
एक डरावना वीडियो और बढ़ती चिंताएं
इज़राइल की चिंता तब और बढ़ गई जब हाल ही में सामने आए एक वीडियो में एक इज़राइली बंधक, एवयातार डेविड, बहुत ही कमजोर और थका हुआ दिखाई दिया। वीडियो में वह अपनी कब्र खुद खोदते नजर आए, जिससे पूरी दुनिया में हलचल मच गई। इस वीडियो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान गाजा में हो रही इन घटनाओं की ओर खींचा।
इज़राइल का दावा – “हमास खुद खा रहा है, बंधकों को भूखा मार रहा है”
बैठक में इज़राइल के प्रतिनिधियों ने बताया कि गाजा में मौजूद हमास के आतंकी मांस, मछली और सब्जियों जैसे पौष्टिक भोजन खा रहे हैं, लेकिन बंधकों को पानी और सूखी रोटी भी ठीक से नहीं दी जा रही। उनका दावा है कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि मानसिक दबाव बनाया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल
इज़राइल ने आरोप लगाया कि गाजा को भेजी जा रही मानवीय सहायता को हमास हथिया रहा है और उसे ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुँचने दे रहा। वहीं संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि इन आरोपों को साबित करने के लिए अभी तक पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं।
परिवारों की भावुक अपील
बंधकों के परिजन इस हालात से बेहद दुखी हैं। एवयातार के बड़े भाई ने सुरक्षा परिषद से गुहार लगाते हुए कहा –
“हमें अपने लोगों को बचाने के लिए और इंतज़ार नहीं करना चाहिए। समय बहुत कम है।”
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की मिली-जुली प्रतिक्रिया
कुछ देश इज़राइल की इस अपील का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ राष्ट्रों ने गाजा में चल रही नाकाबंदी और वहां की आम जनता की हालत को लेकर इज़राइल पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर गाजा में बच्चों तक खाना और दवा नहीं पहुंच पा रही है, तो इसके लिए इज़राइल की रणनीति भी जिम्मेदार है।
हमास की प्रतिक्रिया
हमास ने जवाब में कहा है कि वह बंधकों को मदद देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए इज़राइल को हवाई हमले रोकने होंगे और गाजा में स्थायी राहत मार्ग खोलने होंगे।
निष्कर्ष:
यह मामला जितना इज़राइल और हमास के बीच का है, उतना ही यह एक मानवीय संकट भी बनता जा रहा है। बंधकों की जिंदगी खतरे में है और गाजा की आम जनता भी भुखमरी का सामना कर रही है। अब पूरी दुनिया की नज़र इस पर है कि समाधान किस तरफ जाता है – युद्ध की ओर या इंसानियत की ओर।
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