नई दिल्ली / चेन्नई, 7 अगस्त 2025:स्टार कमल हासन ने राज्यसभा सदस्य बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मिलने में उन्होंने विशेष अनुरोध रखा – कीलाडी के पुरातत्व स्थल को जल्दी से अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के साथ-साथ तमिल सभ्यता और भाषा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की अपील भी की।
गूढ़ सांस्कृतिक धरोहर को मिले ज्यादा सम्मान
अपनी मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर साझा किए गए संदेश में हासन ने लिखा कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को तमिलनाडु की प्रति लोगों और एक कलाकार के तौर पर कीलाडी की महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने इस ब्रिजिलियन स्थल की खोज को जल्द मान्यता देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
सांसद की कवायद का प्रतीक
उन्होंने मोदी को एक विशेष कीलाडी-थीम वाले स्मृति चिन्ह भी पेश किया। यह संकेत था कि यह मुद्दा सिर्फ ऐतिहासिक सत्य नहीं, बल्कि तमिल पहचान का सवाल भी है। उनके इस कदम ने पुरातत्व और राजनीति को जोड़ने की एक नई दिशा दिखाई।
विशेषज्ञ और राजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच
कीलाडी की खुदाई में मिली निशानियां 580 ईसापूर्व तक की तमिल सभ्यता से जुड़ी सभ्यता की पुष्टि हैं। हालांकि, अब तक एएसआई स्तर पर इसकी आधिकारिक मान्यता नहीं दी गई, क्योंकि वैज्ञानिक सत्यापन अभी बाकी है। लेकिन उस पर राजनीति और सांस्कृतिक गर्व का प्रभाव भी बना हुआ है।
यह स्थिति केवल एक पुरातत्व स्थल की चर्चा नहीं रही—यह और भी बड़ा मुद्दा बन चुका है। अब देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और तमिलनाडु दोनों इसे किस नजरिए से देखते हैं।
सारांश:
- कमल हासन ने कीलाडी की मान्यता की अपील पीएम मोदी से की।
- तमिल सभ्यता और भाषा को वैश्विक मान्यता दिलाने का समर्थन मांगा।
- इस ऐतिहासिक स्थल से जुड़ी खोजों को जल्द वैज्ञानिक सत्यापन के बाद मान्यता देने की मांग।
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